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सफल गाथाएं: संरक्षित खेती में हितधारकों के सफर

Editor : NAVED SABIR
Year Of Publication 2021
SKU CODE PP-AG-4
ISBN No. 978-81-953986-5-2 (HARDCOVER)
NO. OF PAGES. 176 + viii
HSN CODE NATIONAL 4901

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संरक्षित खेती में व्यवसायियों व उद्यमियों की कुछ सफल गाथाएं

  • एक अलग सी कहानीः महिंद्रा टापः लघु संरचनाओं आधारित समूह - सीमांत किसानों के लिये अवसर
  • एग्रीप्लास्ट
  • गरवारे टेक्निकल फाइबर्स लिमिटेड
  • श्रीराम साल्वैंट्स एंड एक्सट्रैक्शंस प्रा. लि.
  • ऐसेन मल्टीपैक लिमिटेड
  • ओम श्री साईं फ्लावर्स
  • श्री एंटरप्राइज़ेज़, पुणे
  • आइकन हार्टिकल्चर प्रोजैक्ट डेवलपर्स प्रा. लि.
  • श्री अमृतः मिट्टी की उपजाऊ शक्ति
  • कापर्ट बायोसिस्टम
  • हरबीर सिंहः नर्सरी उत्पादन
  • वी.एन.आर. नर्सरी
  • ब्रायो हाइड्रोपोनिक्स
  • लैन्डक्राफ्ट एग्रो
  • ऐ.ऐ. पालिटिव
  • सवीर बायोटेक लिमिटेड
  • आयन ऐक्सचेंज
  • ट्राइऐंगिल फार्म
  • राइज़ एंड शाइन
  • कासर इंदौरवाला - आर्किडमैन
  • हितासु कार्पोरेशन - बोओ सो काटो
  • स्पाइसी वाटर - कंट्रोल सिस्टम्स
  • हार्वेल ग्रीन
  • रिव्युलिस इर्रीगेशन
  • कैम्टैक्स स्पेशियेलिटी का एक उत्पादः एल्सटासन सिल्वाक्स
  • एस-टी-एल महाधन - पौध पोषण में नवोन्मेषण
  • टफलैक्स इंडिया
  • अर्बनकिसान
  • जे. जे. ओवरसीज़
  • ’’फार्मइनबाक्स’’
  • नरचरिंग ग्रीन
  • ब्लूस्टाल प्राइवेट लिमिटेड
  • इंडो-डच हार्टिकल्चर प्राइवेट लिमिटेड
  • नेटाफिम
  • जैन इर्रीगेशंस प्राइवेट लिमिटेड
  • एग्रीकेयर कार्पोरेशनः गोयल केमीकल इंडस्ट्रीज
  • हाई टैक हार्टिकल्चर में मेरा सफर - भास्कर राव
  • दो वर्ष में किसान की आय 2-3 गुना की जा सकती है, “हम कर सकते हैं, हम करेंगे” –संजयराय’शेरपुरिया’
  • ’पाम लीव्ज़’
  • बार्टन ब्रीज़
  • ऐ.आई जैनिक्स

कुछ संस्थाओं, संस्थानों व किसानों की चुनिंदा सफल गाथाएं

  • एन.एच.बी. पोषित परियोजनाओं की राजस्थान स्थित सफलताऐं
  • सब्ज़ी उत्कृष्टता केंद्र (सैन्टर आफ ऐक्सिलैंस फार वेजिटेबिल), घरौंदा, करनाल, हरियाणा
  • हाई-टैक हार्टिकल्चर यूनिट, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड, कर्नाटक
  • इफको
  • वर्टिकल गार्डिनिंगः नई दिल्ली नगर पालिका
  • कृषि विज्ञान केन्द्र, बारामती
  • ग्रीनहाउस उद्यम में नए प्रवेश करते एक किसान की कहानी
  • राजस्थान में ग्रीनहाउस खेती की एक सफल गाथा
  • आल इंडिया किचन गार्डेन एसोसियशन (AIKGA)
  • ग्लोबलगैप (GLOBALGAP) बेहतर कृषि रीतियां
  • उतर भारत में नेटहाउस में सब्जी के सफल उत्पादन 
  • हाई टैक हार्टिकल्चर में श्री हार्दिक मुरारका की सफलता

ग्रीनहाउस खेती के लिये प्रषिक्षण संस्थानः संरक्षित खेती के लिये मानव संसाधन विकास

  • सब्ज़ियों की संरक्षित खेती के लिये प्रशिक्षण संस्थान
  • फूलों की संरक्षित खेती के लिये प्रशिक्षण संस्थान
  • उत्पादन उपरांत प्रबंधन के लिये प्रशिक्षण संस्थान
  • शीत-श्रंखला प्रबंधन या कोल्ड चेन मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण संस्थान

डायरेक्ट्री (लगभग 400 कंपनियां व सप्लायर आदि)

  • ग्रीनहाउस के फैब्रीकेटर व सामान के विक्रेता (सप्लायर)
  • बीज व पौध के विक्रेता (सप्लायर)
  • ग्रीनहाउस के उत्पादों (बायोफर्टीलायज़र, बायोपैस्टीसाइड व पैस्टीसाइड) के विक्रेता (सप्लायर)
  • खाद, वर्मीकम्पोस्ट के विक्रेता (सप्लायर)

आर्गेनिक सर्टिफिकेशन / गैप ऐजेन्सियों के पते

डा. नवेद साबिर प्रधान वैज्ञानिकसंरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र (CPCT)भा.कृ.अ.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानव पी.एच.डी.आई.ए.आर.आई.नई दिल्ली से प्राप्त की। नई दिल्ली में कार्यरत हैं। उनका जन्म अलीगढ़ जिले की तहसील सिकंद्रा राउ में 1964 में हुआ। उन्होने एम.एस.सी. व एम.फिल. की डिग्री अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इसके बाद उन्होने फूड सेफ्टी व ग्लोबल गैप पर भी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट किये। 1989 मं ए.आर.एस. परीक्षा करके लखनऊ से से ही हार्टिकल्चर फसलों में आई.पी.एम.सूत्रकृमि प्रबंधन अपना कार्य आरंभ किया। वह अपने कैरियर के आरंभ व गैप आदि विषयों पर कार्य करते रहे। डा. साबिर 1997 से 2016 तक राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन केंद्र (NCIPM)नई दिल्ली में कार्यरत रहे जहां उन्होनें हार्टिकल्चर की विभिन्न फसलों व संरक्षित खेती में आई.पी.एम. व गैप जैसे विषयों पर कार्य किया। संरक्षित कृषि से संबंधित कार्य में आई.पी.एम. के महत्व के चलते वह बाद में सी.पी.सी.टी.आई.ए.आर.आई.नई दिल्ली में नियुक्त हुऐ व संरक्षित खेती कार्य से जुड़े रहे। डा. साबिर ने देश व विदेश में 40 से अधिक शोध पेपर व 25 से अधिक तकनीकी बुलेटिन प्रकाशित किये हैं। इसके अतिरिक्त संरक्षित खेती के स्कूल स्तर पर वोकशनल कोर्स की NCERT की दो पुस्तकें व आई.पी.एम. एवं सूत्रकृमि प्रबंधन पर कई और पुस्तकें व बुलेटिन लिख चुके हैं। डा. साबिर विभिन्न वैज्ञानिक समितियोंके सदस्य व आयोजक रह चुके हैं। वह इंडियन सोसायटी फार प्रोटैक्टेड कल्टीवेशन ISPC की स्थापना में मुख्य भूमिका निभा चुके हैं एव राष्ट्रीय स्तर के अनेक कार्यक्रमों के संयोजक व सह-संयोजक भी रह चुके हैं। डा. साबिर GLOBALGAP विषय पर फिलिपाइंस डवलपमेंट ऐजेंसी में आयोजित वर्कशाप में कंट्री रिप्रेज़ैन्टेटिव भी रह चुके हैं। डा. साबिर ने देश भर के संस्थानों व कृषि से संबंधित आयोजनों के माध्यम से सैंकड़ों कार्यक्रमों में ज्ञान-विज्ञान की जानकारी देने के लिये काफी लोकप्रिय हैं। डा. साबिर को देश के स्तर पर कई सम्मान प्रतीक व एवार्ड भी दिये जा चुके हैं। संरक्षित खेती में पौध संरक्षण विशेषज्ञ के रूप में वह देश के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक हैं। अधिकारिक व निजी स्तर पर लगभग 6 देशों की यात्रा पर भी रह चुके हैं। डा. साबिर संरक्षित खेती व आई.पी.एम. विशेषज्ञ के रूप में देश की विभिन्न समितियों में DST-TIFAC GoI, NIPHM, BIS, GOI राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)गुरूग्राम आदि अनेक में सदस्य के रूप में योगदान दे चुके हैं। संरक्षित कृषि विषय पर यह उल्लेखनीय पुस्तक उनके इस विषय से अगाथ प्रेमनिष्ठा व कठिन परिश्रम का सूचक है। उनको ई-मेल nsabir29@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।